पेट्रोल-डीजन का बेहतर विकल्प फ्लैक्स फ्यूल Flex Fuel, best Alternative of Petrol-Diesel
प्यारे साथियो, आज हम आपको एक ऐसी कार के बारे में बताने जा रहा हूँ जो देश में इन दिनों काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। भारत में आज पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसी स्थिति में इसके विकल्प की तलाश की जा रही है। इसके विकल्प में इलेक्ट्रिक कार, हाइड्रोजन आधारित फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक कार तथा फ्लैक्स फ्यूल कार सामने आ रहे हैं। इनमें फ्लैक्स फ्यूल कार एक ऐसी कार है जो न सिर्फ पेट्रोल से चलती है और न सिर्फ इलेक्ट्रिक से चलती है। बल्कि यह मिक्स्ड फ्यूल से चलती है। आइए हम प्लगइनड्राइव पर आज जानते हैं कि फ्लैक्स फ्यूल फ्यूल क्या होता? What is Flex Fuel?
- फ्लैक्स फ्यूल क्या है? What is flex-fuel Meaning?
- फ्लैक्स फ्यूल इंजन Flex-fuel engine
- फ्लैक्स फ्यूल वाहन Flex-fuel vehicles
- क्या फ्लैक्स फ्यूल कार, हाइब्रिड से बेहतर होता है? Is flex-fuel better than Hybrid
- भारत में फ्लैक्स फ्यूल कार Flex Fuel Cars in India
- फ्लैक्स फ्यूल से लाभ Advantages of Flex Fuel
- फ्लैक्स फ्यूल ईंधन के नुकसान Disadvantages of Flex Fuel
- FAQ
फ्लैक्स फ्यूल क्या है? What is flex-fuel Meaning?
जैसा कि फ्लैक्स फ्यूल शब्द से ज्ञात होता है कि ऐसा फ्यूल जो फ्लेक्सिबल
हो। यानी बिना किसी परेशानी के दूसरे फ्यूल से भी इंजन चल सकता है। यह एक तरह का
वैकल्पिक ईंधन है जो गैसोलीन तथा मेथनॉल या इथेनॉल के मिश्रण से बना होता है।
इथेनॉल और मेथेनॉल पूर्णरूपेण बायो उत्पाद है, इसे गन्ना, मक्का और अन्य
अपशिष्ट पदार्थों से बनाया जाता है। यह पूरी तरह से जैविक ईंधन होता है। इस तरह
से ईंधन से प्रदूषण बहुत ही कम फैलता है। वैसे तो इस ईंधन के बनाने की तकनीक बहुत
नई नहीं है, इसे पहली बार 1990 के दशक के शुरू में ही विकसित किया गया था।। सन्
1994 ई. में बड़े पैमाने पर फोर्ड टॉरस में इसका इस्तेमाल किया गया था।
फ्लैक्स फ्यूल
इंजन Flex-fuel engine
फ्लैक्स फ्यूल वाहन Flex-fuel vehicles
क्या फ्लैक्स फ्यूल कार, हाइब्रिड से बेहतर होता है? Is flex-fuel better than Hybrid
भारत में फ्लैक्स फ्यूल कार
Flex Fuel Cars in India
भारत में फ्लैक्स फ्यूल कार लॉन्च हो चुका है। इस तरह के कार
पहले से ही ब्राजील, अमेरिका और कनाडा में चल रहे हैं। केन्द्रीय सड़क परिवहन
मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले 11 अक्टूबर, 2022 को देश की पहली फ्लैक्स फ्यूल कार
लॉन्च की। भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि के बाद इस कार को
विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। यह कार भारत में जापानी कंपनी टोयटा की
कोरोलिया एल्टिस फ्लैक्स फ्यूल हाइब्रिड कार है जो कंपनी का पायलट प्रोजेक्ट है।
इस कार की सबसे विशेषता है कि यह कार तीन ईंधनों पर चल सकती है। इसमें इथेनॉल
पेट्रोल हाइब्रिड इंजन लगा है। यह कार इथेनॉल फ्यूल तथा पेट्रोल दानों से चल सकती
है। लॉन्च के दौरान गडकरी ने कहा कि देश में प्रदूषण एक बड़ी चिंता है और परिवहन
क्षेत्र प्रदूषण में योगदान दे रहा है, इसलिए इथेनॉल और मेथेनॉल जैसे जैव ईंधन पर
चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों और वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता
है।
वैसे तो भारत में इलेक्ट्रिक वाहन के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है, इसलिए अधिकांश लोग अभी भी पेट्रोल-डीजल वाले वाहन को खरीद रहे हैं। अगर लोग वाहन खरीदते भी हैं तो हाइब्रिड वाहन ही पंसद करते हैं। ऐसी परिस्थिति में फ्लैक्स फ्यूल की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ सकता है। इस तरह से इसका भविष्य अच्छा ही है। यदि इसकी ओर सरकार पूरे संकल्प के साथ काम करें तो कोई कारण नहीं कि इसका भविष्य उज्ज्वल नहीं हो सकता है।
फ्लैक्स फ्यूल से लाभ Advantages of Flex Fuel
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फ्लैैैक्स फ्यूल कार |
हमारे माननीय मंत्री नितिन गडकरी ने फ्लैक्स
फ्यूल के लाभों के बारे में बता चुके हैं। उनका कहना है कि यदि फ्लैक्स फ्यूल देश
में अनिवार्य हो जाता है तो लोग अपनी गाड़ियाँ इथेनॉल से भी चला सकेंगे। इथेनॉल की
कीमत अभी पेट्रोल की कीमत से बहुत ही कम है। पेट्रोल अभी 100 से 110 रुपये है जबकि
इथेनॉल लगभग 60-62 में मिल रहा है। इसके
साथ ही इथेनॉल की दहन क्षमता पेट्रोल के मुकाबले कम होती है। इस तरह हम देखते हैं
कि 35-40 रुपये प्रति लीटर तक की बचत होगी, इसके साथ प्रदूषण भी काफी कम फैलेगा।
फ्लैक्स फ्यूल ईंधन के नुकसान Disadvantages of Flex Fuel
जिन चीजों से कुछ फायदा होते हैं तो कुछ नुकसान भी होते हैं
इस प्रकार फ्लैक्स फ्यूल के कुछ नुकसान भी हैं। गन्ना और मक्का श्रम-प्रधान फसल
हैं। ये सुखे और खराब मौसम के अधीन होते हैं। यदि इनका उपयोग ईंधन के लिए होगा तो
पशु आहार जैसे उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा इथेनॉल के
आपूर्तिकर्ता उतने नहीं हैं जितने पेट्रोल की आपूर्तिकर्ता हैं। देश में अभी भी
कुछ स्टेशन हैं जो इथेनॉल की आपूर्ति कर पाते हैं।
सारांश▬साथियो, इस आलेख में मैंने आपको
फ्लैक्स फ्यूल क्या हैं और इससे चलने वाले इंजन तथा वाहनों के बारे में बहुत ही
विस्तार से बताया है तथा इसके फायदे तथा नुकसान का भी मैंने उल्लेख किया है। आशा
है आप इसे अच्छी तरह समझ गये होंगे। अगर इससे कुछ लाभ होगा तो मुझे कमेंट करके
जरूर बताइयेगा। धन्यवाद।
FAQ
फ्लैक्स ईंधन एक वैकल्पिक ईंधन होता है, जो नियमित पेट्रोल
को मेथनॉल या इथेनॉल के साथ मिक्स किया जाता है। यह ईंधन संयोजन ईंधन के एक ही टैंक
में संग्रहित किया जाता है तथा इंजन द्वारा मिश्रित ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता
है।
नियमित गैसोलीन से ई85 की कीमत कम होती है
फ्लैक्स फ्यूल के फायदें क्या है?
इथेनॉल की दहन क्षमता पेट्रोल के मुकाबले कम होती है। पेट्रोल से इसकी कीमत भी
कम होती है। इथेनॉल का उपयोग करने से 35-40 रुपये प्रति लीटर तक की बचत होती है तथा
प्रदूषण भी भी काफी कम फैलता है।
बिल्कुल सस्ता होता है। फ्लैक्स ईंधन के मिश्रण बनाने के
लिए पेट्रोल के साथ-साथ इथेनॉल मिलाया जाता है, जिसमें पेट्रोल की मात्रा कम हो जाती
है। इसका परिणाम यह होता है कि ईंधन की कीमत कम हो जाती है।
फ्लैक्स फ्यूल का उपयोग किन कारों में हो सकती है?
फ्लैक्स फ्यूल का उपयोग इलेक्ट्रिक कंट्रोल मॉड्यूल वाले कारों
को विशेष रूप से डिजाइन किए गए इंजन वाली कारों में हो सकती है।
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