Ticker

6/recent/ticker-posts

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना है, पहले जानिए ईवी इंश्‍योरेंस के बारे में What Is EV Insurance in Hindi?

 

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना है, पहले जानिए ईवी इंश्‍योरेंस के बारे में What Is EV Insurance in Hindi?

हैलो दोस्‍तो, पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों के फीचर अधिक होते हैं, इसलिए ये महंगे वाहन होते हैं।  इसे खरीदते समय बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। इससे भी ज्‍यादा इसके बीमा कराने में ध्‍यान देने की जरूरत होती है। यदि आप इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं तो इसके साथ ही ईवी इंश्‍योरेंस के विषय में जान लीजिए, ताकि बाद में किसी तरह की कोई दिक्‍कत नहीं हो। ये हैं इनके समझने के कुछ टिप्‍स।


    भारत में इलेक्ट्रिक वाहन इंश्‍योरेंस क्‍या है? What is EV insurance in India?

     इलेक्ट्रिक वाहनों का दौर शुरू हो रहा है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत के कारण लोग अब इलेक्ट्रिक कार तथा इलेक्ट्रिक बाइक की ओर ज्‍यादा ध्‍यान दे रहे हैं। वैसे तो पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों की अपेक्षा इलेक्ट्रिक वाहन थोड़े महंगे तो जरूर होते हैं लेकिन सरकारी सब्सिडि से प्राप्‍त सहायता से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को सहूलियत मिल जाती है। इस तरह इलेक्ट्रिक वाहन में लोग ज्‍यादा रूचि लेने लगे हैं। ऐसी परिस्थिति में कई मोटर इंश्‍योरेंस कंपनियाँ बेहतर कवरेज का प्रोडक्‍ट बाजार में उतार रही है। एीसीकेओ जैसी बीमा कंपनियाँ ईवी कारों के लिए बीमा करती है। पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों की बीमा के समान ही इलेक्ट्रिक वाहनों का बीमा आकस्मिक क्षति, आग लग जाना, प्राकृतिक आपदाओं से क्षति, वाहन चोरी तथा तीसरे पक्ष की क्षति आदि की पूर्ति के लिए सुरक्षा प्रदान करती है तथा अपनी जेब पर यह परिस्थितियाँ भारी नहीं पड़ती है।

     इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बीमा क्‍यों जरूरी है? Why is EV Insurance Necessary

     इससे संबंधित चार बातों पर ध्‍यान देने की आवश्‍यकता होती है:

     पहला, भारत में मोटर वाहन अधिनियम मोटर वाहनों से संबंधित कानूनों को संचालित और नियंत्रित करता है। इस अधिनियम के अनुसार सभी वाहनों के पास सार्वजनिक सड़कों पर चलने के लिए बीमा अनिवार्य होता है। यदि कोई वाहन बिना बीमा के सार्वजनिक सड़क पर चलता है तो यह गैर-कानूनी है। उस पर भारी जुर्माना लग स‍कता है।

     दूसरा, सार्वजनिक सड़कों पर वाहन चलाना बहुत ही सुरक्षित नहीं माना जाता है। सड़क पर दुर्घटना या टक्‍कर हो सकती है। ऐसी परिस्थिति में पैदल चलने वालों या संपत्तियों से जुड़े दुर्घटना के दावे के मामले में आपको अपनी जेब से क्षति के लिए भुगतान करना हो सकता है। आपकी बीमा पॉलिसी ऐसी देनदारियों को कवर करती है।   

     तीसरी बात यह है कि वाहन जब दुर्घटरनाग्रस्‍त हो जाता है तो उसकी मरम्‍मति सस्‍ते में नहीं हो पाती है। इस तरह से आपके वाहन को नुकसान आपकी गलती से या दूसरों की गलती से हुआ हो बीमा पॉलिसी वाहनों की मरम्‍मति पर ध्‍यान देती है। आपको उस मरम्‍मति बिल का भुगतान नहीं करना पड़ता है।

     अन्तिम चौथी बात यह है कि यदि वाहन दुर्घटना में व्‍यक्ति की आकस्मिक मृत्‍यु या शारीरिक चोट या स्‍थायी क्षति हो जाती है तो बीमित व्‍यक्ति के परिवार को वित्‍तीय सहायता मिल जाती है, जिसे बीमा राशि कहते हैं।

    Electric Vehicle Insurance
    Electric Insurance

      

     इलेक्ट्रिक वाहन के इन्‍श्‍योरेंस में क्‍या–क्‍या कवर होते है? Coverage in EV Insurance

     इसमें भी कई बातों पर ध्‍यान देना होगा। ईवी बीमा में थर्ड पार्टी कवर के अलावा सेल्‍फ डैमेज दोनों कवर होते हैं। थर्ड पार्टी बीमा के अन्‍तर्गत सड़क दुर्घटना या बैटरी में आग लगने या किसी और कारण से वाहन को हुए नुकसान की भरपाई मिल जाती है। जबकि डैमेज कवर के जरिए प्राकृतिक कारणों जैसे बाढ़, भूकंप या दूसरे किसी प्राकृतिक कारणों से हुई क्षति को कवर होता है। चूँकि इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल-डीजल वाले वाहन से अधिक महंगे होते है इसलिए इसमें ऐसी पॉलिसी लेनी चाहिए जिसमें कवरेज अधिक हो।

     

    देश में ईवी इंश्‍योरेंस योजनाएँ EV Insurance Plannings in India

     

    भारत में मुख्‍य रूप से दो तरह की इंश्‍योरेंस पॉलिसियाँ उपलब्‍ध हैं:पहलादेश के मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में अनुसार तृ‍तीय-पक्ष कार बीमा पॉलिसी के साथ अपने इलेक्ट्रिक वाहन का बीमा कराना आवश्‍यक है। इस अधिनियम के माध्‍यम से आप तीसरे पक्ष की चोट या आपके वाहन से इनकी संपत्ति को नुकसान के कारण होने वाली देनदारियों के खिलाफ इंश्‍योर्ड हो जाएंगे। लेकिन आपके वाहन इस पॉलिसी के अन्‍तर्गत कवर नहीं होते हैं।

     

    दूसराव्‍यापक मोटर बीमा पॉलिसी (Comprehensive Motor Insurance Policy) इस पॉलिसी में थर्ड-पार्टी तथा ओन-डैमेज कवर दोनों आता है। चलिए विस्‍तार से जानते हैं व्‍यापक मोटर बीमा पॉलिसी (Comprehensive Motor Insurance Policy) क्‍या है?

    व्‍यापक मोटर बीमा पॉलिसी (Comprehensive Motor Insurance Policy)

     

    जिस पॉलिसी के अन्‍तर्गत वाहन और तीसरे पक्ष दोनों को आकस्मिक क्षति होने पर जो भुगतान होती है उसे व्‍यापक मोटर बीमा पॉलिसी कहते हैं। यह एक व्‍यापक पैकेज नीति तथा एक तृ‍तीय पक्ष देयता नीति  के रूप में उपलब्‍ध है। किसी भी दुर्घटना के लिए बीमा कंपनी उसकी मरम्‍मत के लिए किए गये दावे का निपटान करने के लिए उत्‍तरदायी होती है, जब तक कि यह मृत्‍यु की स्थिति में मुआवजा न हो। इसके अन्‍तर्गत सड़क दुर्घटना के कारण मृत्‍यु में किसी व्‍यक्ति के नामांकित व्‍यक्ति को एमएसीटी द्वारा क्षतिपूर्ति की जाएगी। व्‍यापक कवर वह अधिकतम कवर होता है जिसे कोई अपने वाहन के लिए खरीद सकता है।

    Comprehensive Motor Insurance Policy
    कंप्रेसिव मोटर बीमा


    व्‍यापक बीमा पॉलिसी में क्‍या–क्‍या शामिल होते हैं?

    व्‍यापक बीमा पॉलिसी में नौ आइटम्‍स शामिल होते हैं, जो निम्‍नलिखित हैं –

    1.  दुर्घटनात्‍मक क्षति (Accidental Damage) – जब कोई दुर्घटना होती है ऐसी स्थिति में वाहन को कोई नुकसान हो जाती है, तो यह बीमा पॉलिसी इसे कवर करेगी।

    2.  आग से क्षति (Fire Damage) – यदि आपके वाहन में आग लग जाती है तो यह मोटर बीमा पॉलिसी इससे होने वाली क्षति को कवर करेगी।

    3.  वाहन चोरी (कार चोरी) (Car Theft) – कार की चोरी हो जाने पर मोटर बीमाकर्ता कार के वर्तमान बाजार मूल्‍य (आईडीवी) IDV) के साथ क्षतिपूर्ति करेगा।

    4.  प्राकृतिक आपदाओं से क्षति (Damages due to Natural Calamities) – प्राकृतिक आपदा जैसे चक्रवात, बाढ़, भूकंप, भूस्‍खलन आदि में यदि आपकी कार को आंशिक रूप से या पूरी तरह से नुकसान हो गया हो तो यह बीमा नुकसान को कवर करती है।

    5.  तृतीय पक्ष के नुकसान (Third-Party losses) – यह बीमा पॉलिसी कार के कारण होने वाले किसी भी तीसरे पक्ष के नुकसान या नुकसान को कवर करेगा, जिसमें संपत्ति को नुकसान, शारीरिक चोट या तीसरे पक्ष के व्‍यक्ति की मृत्‍यु शामिल हो।

    6.  मानव द्वारा क्षति (Damage due to Manmade Hazard) – अगर आपके वाहन या कार मनुष्‍य द्वारा निर्मित खतरों जैसे-हमले, आतंकवादी गतिविधियाँ, दंगे से आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्‍त हो जाती है तो यह पॉलिसी इसे कवर करेगी।

    7.  बर्बरता (Vandalism) -  बर्बरता के कारण आपका वाहन या कार क्षतिग्रस्‍त हो जाता है तो या पॉलिसी मरम्‍मत कराएगी या नुकसान के लिए भुगतान करेगी।

    8.  इन-ट्रांजिट कार डैमेज (In-transit Car Damage) – यदि आपकी कार सड़क या हवाई मार्ग से ले जाते समय क्षतिग्रस्‍त हो जाती है तो आपका मोटर बीमाकर्ता इस कार पॉलिसी के तहत इसकी मरम्‍मत के लिए भुगतान करेगा।

    9.  व्‍यक्तिगत दुर्घटना चोट अथवा मृत्‍यु (Personal Accidental Injuries or Death) – यह व्‍यापक बीमा पॉलिसी सिर्फ वाहन के नुकसान को ही कवर नहीं करती है बल्कि दुर्घटना में व्‍यक्ति को घायल होने या मरने के मामले को भी कवर करती है।

    ईवी इंश्‍योरेंस में बैटरी की कवरेज आवश्‍यक है Battery Coverage is most important

    किसी भी ईवी वाहन की बैटरी उसका सबसे महत्‍वपूर्ण पार्ट होता है। इसलिए इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी अपनी बैटरी पर आमतौर पर 8 से 10 साल की वारंटी देती हैं लेकिन यह बैटरी समय से पहले खराब हो जाती है तो कम्‍प्रीहेन्सिव मोटर बीमा के अन्‍तर्गत इसे चेंज किया जा सकता है। अत: यह सुनिश्चित होना चाहिए कि बीमा में बैटरी कवर हो।

    Battery coverage Necessary
    बैटरी कवरेज


    इंस्‍योर्ड डिक्‍लेयर्ड वैल्‍यू (Insured Declare Value-IDV) को समझे

    इंस्‍योर्ड डिक्‍लेयर्ड वैल्‍यू एक तरह की कीमत होती जो इंश्‍योरेंस कंपनी आपके वाहन के लिए तय करती है। इसी कीमत के आधार पर इंश्‍योरेंस कंपनी उस वाहन की बीमा करती है। आईडीवी जितना ज्‍यादा होगा उसका प्रीमियम भी उतना ही होगा। चूँकि इलेक्ट्रिक वाहन महंगे होते हैं इसलिए कोई हादसा होने पर आपको इसके पूरा कवरेज मिले इसके लिए ज्‍यादा आईडीवी वाली पॉलिसी लेनी चाहिए।

     क्‍लेम सेट्लमेंट रेश्‍यो  (Claim Settlement Ratio) को बारीकी से समझें

    जब आप इंश्‍योरेंस कराने जाएं तो आपको पता कर लेना चाहिए कि जिस कंपनी से इंश्‍योरंस ले रहे हैं, वह क्‍लेम करने पर पैसा आपको देती भी है कि नहीं। पैसा देती भी है तो पूरा पैसा का भुगतान करती है या कम पैसा देती है। यह जानकारी बहुत जरूरी है। इसलिए ऐसी कंपनी से बीमा कराएं जिसका क्‍लेम सेट्लमेंट रेश्‍यो ठीक हो, उसमें कोई अड़चन न हो।

     बीमा संबंधी अत्‍यावश्‍यक जानकारी Share right information to Insurer

     बीमा कंपनी बीमा करते समय बहुत कुछ जरूरी जानकारी आपसे लेती है जैसे कार या मोटरसाइकिल या स्‍कूटर का रजिस्‍ट्रेशन आदि। इसके अलावा आपको अपनी व्‍यक्तिगत जानकारी भी देनी होती है। यह जानकारी बिल्‍कुल सही होनी चाहिए। अगर इसमें कोई गलती होती है तो क्‍लेम करने पर रुपए भुगतान करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

    एक टिप्पणी भेजें

    0 टिप्पणियाँ