भारत का
भविष्य हरित हाइड्रोजन, इसे जानिए Green Hydrogen—The Future Fuel of
India in Hindi
हरित
हाइड्रोजन▬ एक परिचय An
Introduction to Green Hydrogen
शक्ति का एक स्त्रोत है हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen)। इलेक्ट्रोलाइजर की सहायता से पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करके हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का उत्पादन किया जाता है। इस रासायनिक प्रक्रिया में विद्युत धारा का उपयोग किया जाता है। जिससे पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जाता है। इलेक्ट्रोलाइजर में रिन्यूएबल एनर्जी का प्रयोग होता है। रिन्यूएबल एनर्जी में सोलर और हवा दोनों होते हैं। कुछ सेक्टर जैसे - केमिकल, स्टील, ट्रांसपोर्ट, आयरन, ताप एवं पावर आदि में हाइड्रोजन का उपयोग होता है। जब हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे प्रदूषण 0% फैलता है।
हाइड्रोजन वाहन या ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन कैसे काम करता है? How does a Fuel Cell Electric Vehicle Work
हरित हाइड्रोजन▬इससे लाभ Advantages of Green Hydrogen
- हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) को बहुत समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है। हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का उपयोग विद्युत उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है
- हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) से किसी तरह का कोई प्रदूषण नहीं फैलता है क्योंकि इसके दहन और निर्माण के दौरान कोई धुंआ वगैरह नहीं निकलता है।
- हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का बहुमुखी प्रयोग किया जाता है इसे सिंथेटिक गैस में परिवर्तित किया जा सकता है जिसका प्रयोग आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक तथा परिवहन सहित विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है।
- हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) को पाकृतिक गैस के साथ 20 प्रतिशत तक जोड़ा जा सकता है और इस तरह से गैस पाइप तथा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके परिवहन किया जा सकता है।
- एक अनुमान के अनुसार एक किलोग्राम हाइड्रोजन में लगभग 8 किलोग्राम ऑक्सीजन पैदा किया जाता है
- शक्तिशाली और ऊर्जा का कुशल स्त्रोत होने के कारण हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का प्रयोग रॉकेट में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
हरित हाइड्रोजन▬इसके नुकसान Disadvantages
of Green Hydrogen
- चुँकि हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) अत्यंत ज्वलनशील होता है इसलिए कभी-कभी यह खतरनाक हो जाता है। इसके रिसाव और विस्फोटों को रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय करना बहुत जरूरी होता है।
- जैसा कि हम जानते हैं 1937 ई. में एक बड़े एयरशिप हिंडेनबर्ग में आग लग गई जिसके कारण उसमें सवार करीब 97 लोगों की मौत हो गई।
- इसी तरह वर्ष 2011 में जापान में भूकंप तथा सूनामी के आने से वहाँ के फुफुशिमा न्यूक्लियर पावर स्टेशन में हाइड्रोजन की वजह से एक बड़ा धमाका हुआ। इससे रेडियोएक्टिव लीकेज हुआ था इसके कारण वहाँ से लाखों लोगों को हटाया गया।
- चर्नेबल परमाणु दुर्घटना में भी हजारों लोग मारे गये। इसमें भी हाइड्रोजन गैस के लीकेज हुआ था।
- हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) को बहुत ही कम तापमान पर रखना पड़ता है जिससे इसकी लागत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तथा इसका भण्डारण भी कठिन होता है।
- हाइड्रोजन को जल से अलग करने की तकनीक ओर प्रक्रिया काफी जटिल और महंगी होती है।
इलेक्ट्रिक वाहन और हाइड्रोजन वाहन में अंतर Difference between Electric Vehicle and Hydrogen
Vehicle
इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) ▬ इलेक्ट्रिक वाहन इलेक्ट्रिक मोटर से चलते हैं। मोटर को रिचार्जेबल बैटरी से ऊर्जा मिलती है। उस बैटरी को इलेक्ट्रिक स्त्रोतों से चार्ज किया जाता है। इस तरह के वाहन में किसी तरह की दहन की क्रिया नहीं होती है जिससे कोई धुंआ नहीं निकलता है और इसमें किसी तरह की कोई रासायनिक प्रतिक्रिया भी नहीं होती है। इलेक्ट्रिक वाहन में बैटरी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ईवी की बैटरी को चार्ज करने के लिए देश में प्रतिदिन चार्जिंग स्टेशन खुल रहे हैं। हाइड्रोजन वाहन की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन थोडे सस्ते होते हैं। जबकि ऑफ-पीक ग्रिड समय के दौरान रिचार्जिंग की लागत भी कम होती है। इलेक्ट्रिक वाहन हाइड्रोजन वाहन के अपेक्षा काफी सस्ते होते हैं। यह वाहन हाइड्रोजन वाहन से काफी सुरक्षित होते हैं।
हाइड्रोजन वाहन (Hydrogen Vehicle) ▬ जहाँ तक हाइड्रोजन वाहनों की बात है तो ये वाहन
इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे बहुत लाभ देते हैं जिससे प्रदूषण नहीं फैलता है। हाइड्रोजन
गैस उत्पादन की प्रक्रिया जटिल होती है तथा यह एक नया ईंधन स्त्रोत है।
हाइड्रोजन वाहनों में ईंधन बहुत ही तेज गति से भरा जाता है तथा इस तरह के वाहन का
रेंज इलेक्ट्रिक वाहनों से ज्यादा होता है। लेकिन हाइड्रोजन वाहन के साथ एक समस्या
यह है कि बुनियादी ढाँचे की कमी है जैसे इसमें ईंधन भरने के लिए स्टेशनों की कमी
है। जिस तरह से इलेक्ट्रिक वाहन बहुतों के लिए विकल्प के रूप में खड़ा हो चुका है
वैसे हाइड्रोजन वाहन लोगों के लिए विकल्प नहीं बन पाया है इसमें अभी समय लगेगा।
निकट भविष्य में बुनियादी ढाँचे को बढ़ाना पड़ेगा। हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन
सस्ते नहीं होते हैं। जहाँ तक रेंज की बात है हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) वाहन अधिक रेंज देते हैं तथा इसमें ईंधन भी तेजी से भरा जाता है। उदाहरण के
तौर पर देखें तो हुंडई नेक्सो 414 मील रेंज देती है तथा इसमें ईंधन भरने में
सिर्फ पाँच मिनट लगता है। जबकि इलेक्ट्रिक वाहन रिचार्ज करने में चार से पाँच घंटे
लगते हैं। हाइड्रोजन वाहन महंगे होते हैं। सुरक्षा के मामले में हाइड्रोजन वाहन
बहुत सुरक्षित नहीं होते हैं। क्योंकि हाइड्रोजन गैस ही काफी ज्वलनशील प्रकृति
का होता है इसलिए रिसाव या विस्फोट का खतरा बना रहता है।
भारत में हरित
हाइड्रोजन प्रोग्राम Green
Hydrogen Programme in India
भारत में भी हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) को लेकर कई तरह की नीतियाँ बन रही हैं।
सरकार ने फरवरी 2022 में हरित हाइड्रोजन नीति (Green Hydrogen
Policy) घोषित किया। इस नीति के तहत हाइड्रोजन
उत्पादन के लिए कम कार्बन उत्सर्जन वाली तकनीकों के उपयोग का हर संभव प्रोत्साहित
किया जाएगा। भारत सरकार ने हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) तथा हरित
अमोनिया गैस की ढुलाइ्र शुल्क को लगभग 20 वर्ष के लिए माफ कर दिया है। हसका लाभ
उन उत्पादकों को मिलेगा जो 30 जून 2025 से पहले उत्पादन शुरू करने का प्लान
बनाएंगे।
सरकार का कहना है कि हाइड्रोजन ओर अमोनिया
भविष्य के लिए अक्षय ईंधन है। पेट्रोल तथा डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता
कम करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार चाहती है कि इन गैसों का उत्पादन
नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से हो ताकि
प्रदूषण न फैले।
राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (National
Hydrogen Mission)
2021 के अगस्त माह में देश के
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (National
Hydrogen Mission) की घोषणा की थी।
इसके अनुसार देश में 2030 तक 50 टन हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) के उत्पादन होना
चाहिए। साथ ही 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता स्थापित करने का भी
ल्क्ष्य रखा गया है। इसमें सौर ऊर्जा से लगभग 280 गीगावाट तथा पवन ऊर्जा से 140
गीगावाट शामिल है।
हरित हाइड्रोजन नीति (Green Hydrogen
Policy) की अधिसूचना में कहा गया है कि कार्बन
तथा अन्य उत्सर्जन कम करने के लिए हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) एवं अमोनिया की
तरफ बढ़ना आवश्यक है। इस नीति के अनुसार हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) तथा अमोनिया का
उत्पादन करने वालों को पावर एक्सचेंज से नवीकरणीय ऊर्जा खरीद करने की मंजूरी दी
जाएगी। वे चाहे तो स्वयं नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र लगा सकते हैं। इस नीति के तहत
हाइड्रोजन उत्पादकों को बची हुई ऊर्जा वितरण कंपनियों के पास 30 दिन तक जमा करने
की सुविधा मिलेगी। जो ऊर्जा खर्च नहीं कर पाएंगे उसे ग्रिड में जमा कर सकेंगे तथा
और उसे जरूरत पड़ने पर उनसे वापस ले सकेंगे।
भारत में पहला हरित
हाइड्रोजन वाहन First Green
Hydrogen Vehicle in India
केंद्रीय सड़क
परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 16 मार्च, 2022 को हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) फ्यूल सेल
इलेक्ट्रिक वाहन (Fuel Cell
Electric Vehicle –FCEV) टोयटा मिराई का उद्घाटन किया। श्री
गडकरी इसी कार से संसद भवन पहुँच कर इसका प्रदर्शन किया । टोयटा मिराई देश का पहला
हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) वाहन है। इस कार
को टोयटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमेटिक टेक्नोलॉजी
द्वारा एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत टोयटा मिराई का निर्माण किया है। यह देश में
अपनी तरह की पहली परियोजना है जो भारत में हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) आधारित क्रान्ति
को बढ़ावा देगी।
टोयटा कंपनी का
कहना है कि मिराई को 2014 में पेश किया गया था और यह विश्च के पहले हाइड्रोजन
ईंधन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में से एक है। एक सिंगल चार्ज में टोयटा मिराई 650
किलोमीटर चल सकती है।
असम राज्य में
देश का पहला हरित हाइड्रोजन संयंत्र First Green
Hydrogen Plant in Assam in the Country
भारत का प्रथम 99.999
प्रतिशत शुद्ध हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) प्रायोगिक
संयंत्र दिनांक 20 अप्रैल 2022 को ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा पर्वी असम के
दुलियाजान में स्थापित किया गया। इस संयंत्र की क्षमता 10 किलो प्रतिदिन की है। इस
संयंत्र में 500 किलोवाट सौर संयंत्र द्वारा 100 किलोवाट आयन एक्सचेंज मेम्ब्रेन
(एईएम) इलेक्ट्रोलाइजर सरणी का उपयोग करके उत्पन्न बिजली से हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का उत्पादन
होता है। एईएम तकनीक का उपयोग देश में पहली बार हो रहा है।
FAQ
क्या हाइड्रोजन वाहन सुरक्षित है?
हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन पारंपरिक वाहनों की
तरह सुरक्षित हैं।
क्या हाइड्रोजन वाहन का
भविष्य हैं?
हाइड्रोजन वाहन का भविष्य है, क्योंकि हरित हाइड्रोजन
ब्रह्मांड में अक्षय है।
क्या हाइड्रोजन वाहन
इलेक्ट्रिक वाहन से बेहतर है?
हाइड्रोजन वाहन इलेक्ट्रिक वाहन से बेहतर है, क्योंकि इससे कई तरह से लाभ होता है▬प्रदूषण नहीं फैलाता, ईंधन बहुत तेजी से भरा जाना तथा ड्राइविंग रेंज अधिक होना आदि।
क्या हाइड्रोजन वाहन इलेक्ट्रिक की जगह लेगी?
भविष्य में हो सकती
है, लेकिन अभी नहीं। वर्तमान में हाइड्रोजन वाहन पास देश में बुनियादी ढाँचा नहीं है।
हाइड्रोजन वाहन पर्यावरण के अच्छे होते हैं क्योंकि वे पेट्रोल डीजल वाहनों के समान उत्सर्जन नहीं करते हैं।
हाइड्रोजन वाहन पंप
पर जा सकता है तथा अपने टैंको को हाइड्रोजन गैस को 3 से 5 मिनट में भर सकता है
हाइड्रोजन वाहन में कहाँ से ईंधन भरते हैं?
हाइड्रोजन वाहनों में
ईंधन हाइड्रोजन भरने वाले स्टेशनों (HRS) पर भरा जा सकता है।
1 टिप्पणियाँ
I thank the write for sharing details about increasing use of Green Hydrogen in India. It is a commendable step towards promoting sustainability. The blog provides a comprehensive overview of India's green hydrogen ambitions, outlining the key objectives, initiatives, and challenges associated with this transformative technology. The author effectively conveys the significance of green hydrogen in achieving India's net-zero targets and highlights the government's efforts to promote research, development, and commercialization of this clean energy source.
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